मुंबई, 15 अप्रैल। चार्ल्स स्पेंसर चैपलिन, जिन्हें आमतौर पर चार्ली चैपलिन के नाम से जाना जाता है, ने सिनेमा की दुनिया में अपनी अनोखी पहचान बनाई। उनकी हर एक अदाकारी दर्शकों के चेहरे पर मुस्कान लाने में सक्षम थी। हंसी के बादशाह के रूप में मशहूर, चैपलिन ने न केवल अपनी कॉमिक टाइमिंग से बल्कि अपने अनोखे कपड़ों और अदाओं से भी दर्शकों का दिल जीता।
16 अप्रैल को उनकी जयंती मनाई जाएगी। इस अवसर पर हम हिंदी सिनेमा की कुछ ऐसी फिल्मों पर चर्चा करेंगे, जिनमें चार्ली चैपलिन की छाप स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है।
चैपलिन के चेहरे के हाव-भाव इतने प्रभावशाली थे कि उन्हें शब्दों की आवश्यकता नहीं थी। उन्होंने दर्शकों के दिलों में एक अमिट छाप छोड़ी, जो कभी भुलाए नहीं जा सके। बॉलीवुड में भी उनकी लोकप्रियता का असर देखा गया, जहां राज कपूर और श्रीदेवी जैसे सितारे उनके रंग में रंगे नजर आए।
1955 में आई फिल्म ‘श्री420’ को कौन भूल सकता है? राज कपूर द्वारा निर्देशित और निर्मित इस फिल्म में उन्होंने एक गरीब, शिक्षित अनाथ युवक का किरदार निभाया, जो चार्ली चैपलिन की छाया में दिखता है। वह अपने दुख को हंसी के पीछे छिपाने में माहिर था।
इसके बाद आई श्रीदेवी और अनिल कपूर की सुपरहिट फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’, जो 1987 में रिलीज हुई। इस फिल्म का निर्देशन शेखर कपूर ने किया था। फिल्म के संवाद और अमरीश पुरी का प्रसिद्ध डायलॉग ‘मोगैम्बो खुश हुआ’ आज भी लोगों की जुबान पर है। एक छोटे से दृश्य में श्रीदेवी ने चार्ली चैपलिन के किरदार में नजर आकर दर्शकों का दिल जीत लिया।
आधुनिक समय के अभिनेता रणबीर कपूर ने भी चार्ली चैपलिन के किरदार को पर्दे पर जीवंत किया। 2009 में आई रोमांटिक-कॉमेडी फिल्म ‘अजब प्रेम की गजब कहानी’ में उन्होंने एक छोटे से दृश्य में चार्ली चैपलिन का रूप धारण किया। इस फिल्म का निर्देशन राजकुमार संतोषी ने किया था और इसमें कैटरीना कैफ भी मुख्य भूमिका में थीं।
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